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मेरी कविता -भाग -2 मेरी कविता शब्दों से अलंकृत, भा

मेरी कविता -भाग -2
मेरी कविता शब्दों से अलंकृत, भावों से सुसंस्कृत 
कभी उत्सव का आह्लाद, कभी किसी बच्चे का संवाद
कभी पूरे देश की आवाज, कभी मेरे ही मन का राज 
कभी भीगी पलकें, कभी माथे को चूमती अलके 
कभी तप्त मरुभूमि को तृप्त करती बारिश की बूँदें 
कभी सपनों में खोकर जैसे आँखें हो मूँदे 
कभी निधिवन में राधा -कृष्ण के प्रेम को दर्शाती 
कभी रजनीगंधा की महक बन सबके मन को हर्षाती 
मेरी कविता पाठक के  मन में हो जाती अंकित 
मेरी कविता शब्दों से अलंकृत, भावों से सुसंस्कृत || #मेरी कविता -#भाग #2#स्मृति.... ✍️
मेरी कविता -भाग -2
मेरी कविता शब्दों से अलंकृत, भावों से सुसंस्कृत 
कभी उत्सव का आह्लाद, कभी किसी बच्चे का संवाद
कभी पूरे देश की आवाज, कभी मेरे ही मन का राज 
कभी भीगी पलकें, कभी माथे को चूमती अलके 
कभी तप्त मरुभूमि को तृप्त करती बारिश की बूँदें 
कभी सपनों में खोकर जैसे आँखें हो मूँदे 
कभी निधिवन में राधा -कृष्ण के प्रेम को दर्शाती 
कभी रजनीगंधा की महक बन सबके मन को हर्षाती 
मेरी कविता पाठक के  मन में हो जाती अंकित 
मेरी कविता शब्दों से अलंकृत, भावों से सुसंस्कृत || #मेरी कविता -#भाग #2#स्मृति.... ✍️