टूटी थी जब मैं पूरी तरह से.. तब तूने आकर जोडा़ था.. खुदा भी ना मोड़ सका जो तूने उस रुख को मोड़ा था.. हम आज भी उन लम्हों को अपने खुशियों में मिलाते हैं... ना जाने कैसे लोग पहली मोहब्बत को भुलाते हैं... # nozoto poetry #😊#na जाने kese log phli mohabbat ko भुलाते हैं #from my dear diary.....