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मत आना के ये जिंदगी वीरान है। कुछ ही हैं मुझे पहचा

मत आना के ये जिंदगी वीरान है।
कुछ ही हैं मुझे पहचानते अब
ज्यादातर अनजान हैं।
नाव के एकदम विपरीत हैं धाराएँ
बड़ा भारी ये तूफान है।
मन के भीतर है गूंज बहुत
बाहर मगर सूनसान है।
कहीं दिल नहीं लगता अब
शायद दिल को थकान है।
सब हैं इस जहां में अपने अपने 
ख़ुशी और गम लिए
किसको कहाँ विश्राम है।
जीवन है एक अविरल प्रवाह
जो बहता है क्रम में इसके
वही तो इंसान है।

©Pratibha Tiwari(smile)🙂 #sagarkinare
मत आना के ये जिंदगी वीरान है।
कुछ ही हैं मुझे पहचानते अब
ज्यादातर अनजान हैं।
नाव के एकदम विपरीत हैं धाराएँ
बड़ा भारी ये तूफान है।
मन के भीतर है गूंज बहुत
बाहर मगर सूनसान है।
कहीं दिल नहीं लगता अब
शायद दिल को थकान है।
सब हैं इस जहां में अपने अपने 
ख़ुशी और गम लिए
किसको कहाँ विश्राम है।
जीवन है एक अविरल प्रवाह
जो बहता है क्रम में इसके
वही तो इंसान है।

©Pratibha Tiwari(smile)🙂 #sagarkinare