जो युवक-युवतियाँ इन नरभक्षी सुनामी-लहरों का आहार बन रहे हैं दरअसल उनकी ज़िंदगियाँ ईश्वर रूपी पारंगत कवि द्वारा लिखी गई "क्षणिकाएँ" हैं ©काव्य मंजूषा #candle