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खुशी देने की चाह नहीं मिलती हैं ! किसी गम को आह

खुशी देने की 
चाह नहीं मिलती हैं ! 
किसी गम को
 आह नहीं मिलती हैं!! 
किसी कोने में 
अहसास छुप गये हैं!!! 
अब रिश्तो को 
परवाह नहीं मिलती हैं!!!! 

संग चलने को 
राह नहीं मिलती हैं! 
साथ रहने को 
पनाह नहीं मिलती हैं!! 
जिंदगी को जिंदगी से 
मिला दें रब!!! 
अब कोशिशों को
 वाह नहीं मिलती हैं!!!! 


 खुशी देने की 
चाह नहीं मिलती हैं ! 
किसी गम को
 आह नहीं मिलती हैं!! 
किसी कोने में 
अहसास छुप गये हैं!!! 
अब रिश्तो को 
परवाह नहीं मिलती हैं!!!!
खुशी देने की 
चाह नहीं मिलती हैं ! 
किसी गम को
 आह नहीं मिलती हैं!! 
किसी कोने में 
अहसास छुप गये हैं!!! 
अब रिश्तो को 
परवाह नहीं मिलती हैं!!!! 

संग चलने को 
राह नहीं मिलती हैं! 
साथ रहने को 
पनाह नहीं मिलती हैं!! 
जिंदगी को जिंदगी से 
मिला दें रब!!! 
अब कोशिशों को
 वाह नहीं मिलती हैं!!!! 


 खुशी देने की 
चाह नहीं मिलती हैं ! 
किसी गम को
 आह नहीं मिलती हैं!! 
किसी कोने में 
अहसास छुप गये हैं!!! 
अब रिश्तो को 
परवाह नहीं मिलती हैं!!!!

खुशी देने की चाह नहीं मिलती हैं ! किसी गम को आह नहीं मिलती हैं!! किसी कोने में अहसास छुप गये हैं!!! अब रिश्तो को परवाह नहीं मिलती हैं!!!! #Poetry