मेरी तर्बियत करती है रौशन, मेरी तक़रीर को। ये वो किताबी आतिशविज़ा है जो मयस्सर है सिर्फ इल्मदारों को।। ARZ-ए-SAYED मेरी तर्बियत करती है रौशन, मेरी तक़रीर को। ये वो किताबी आतिशविज़ा है जो मयस्सर है सिर्फ इल्मदारों को।। ARZ-ए-SAYED