ग़ज़ल ऐ काश तुम जो हमारे होते अपनी किस्मत में भी चाँद सितारे होते ना कदम ज़मीं पर रहता ना वहम आसमाँ पर रहता न जुबाँ पर फ़साने रहते ऐ काश, ,,,,,,,,,,,,,,,,,, बाग़ों में बहारें होती प्यारे-प्यारे नज़ारे होते चेहरा तेरा चाँद सा होता बदन पे चमकते सितारे होते ऐ काश, , , , , , , , , , , , तेरी आँखों से हमें इशारे होते कभी तेरी ज़ुल्फ़ों को सँवारे होते लब पर तेरा ही नाम होता दिल में प्यार के तराने होते ऐ काश, , , , , , , , , , , , , ,