प्रेम मे डूबी स्त्री का चेहरा बुद्ध जैसा दिखता है, गीत चतुर्वेदी के शब्दों पर मेरे विचार है कि- जिस प्रकार भगवान बुद्ध के चेहरे पर निस्वार्थ प्रेम झलकता है और उस प्रेम का कोई अंत नही है अर्थात सीमांत है, ठीक उसी प्रकार प्रेम मे डूबी स्त्री बुद्ध के चेहरे के समान होती जो की अपने बच्चें,पति,माता पिता, परिवार, समाज आदि के लिए उसका प्रेम अपार होता है जिसका कोई सीमांत नही होता है #happy_valentines_day