बस अब ठहर जाऊँ, आँखे मुंँदू और सो जाऊँ इन दमकती रोशनियों मे नहीं, एक अंधेरी शाम मे इस कौतूहल भरी सुबह को छोड़, खामोश पड़ी रात मे उन जुनूनी ख्वाबो मे नहीं, एक सुकूनी सच मे की, कर दूँ खुद का पता गुम, और खो जाऊँ फिर बैठकर इस मिट्टी पे, मिट्टी हो जाऊं मिट्टी #मिट्टी #ठहर #eyes #light #crowd #silence #day #night #truth #adress #darkness #nojoto #nojotohindi #nojotoshayari #nojotopoetry