हम छोड़ आये उसे जिस मुहाने पे। वह सिसक रही है आज जमाने पे। जला रही है मशालें हर उस जगह पे जहाँ शहीद हो गये लोग किसी बहाने से। अहिंसा क्रांति स्वाधीनता सदभावना लहू के किस कतरे में वह गया अंकुरित कर लाये उसी पैमाने पे। वर्ग वर्ण जाति धर्म के भेद मिटा कर आओ चलें सभी देशभक्ति की राह पे। और दिखा दे वृद्ध है गांधी,बोस है युवा आजाद भगतसिंह देश का बच्चा बच्चा कम नहीं है हम भी उन दीवानों से। पारुल शर्मा #स्वतंत्र#स्वतंत्र #जयहिन्द #वंदेमातरम् #देश #वतन #भारत #हिदोस्तान #india #देशभक्ति हम छोड़ आये उसे जिस मुहाने पे। वह सिसक रही है आज जमाने पे। जला रही है मशालें हर उस जगह पे जहाँ शहीद हो गये लोग किसी बहाने से। अहिंसा क्रांति स्वाधीनता सदभावना लहू के किस कतरे में वह गया अंकुरित कर लाये उसी पैमाने पे।