चेहरे को ही चाँद बता देती, माँ आंगन में भी चाँद उगा देती,, जब कभी रूठ आंखे फेरो, शीशे में भी चाँद दिखा देती। (माँ जैसा कोई नहीं) ©मधुलिका शुक्ला #NojotoRamleela