लाश मिली है आधी-आधी पता नहीं वो किसकी है? देखो ज़रा रंग लहू का,क्या दोनों का रंग लाल ही है? हाथ पर है ॐ का टैटू पर सिर पर जालीदार टोपी है! जब इतना ही था भाईचारा फिर हिंसा क्यों होती है? उसका इकलौता बेटा था वो, जो बैठ वहाँ पर रोती है! नेताओं का कुछ न जाता, बस जनता ही खोती है! किसी की जान चली गई ,किसी की छिनी रोज़ी-रोटी है! किसी का सिंदूर गया है, किसी की चूड़ियां टूटी है! क्या "क़ुरान" ये कहता तुमसे? या गीता ये सिखाती है? यूँ लड़ते आपस में तुम सब, क्या शर्म नहीं आती है? मेरा-मेरा क्यों करते हो? ये धरती तो हमारी है! बहुत हो चुका हिन्दू-मुस्लिम, अब इंसानियत की बारी है! anjali tripathi