कैसे आम आदमी कवि बन जाता है ? जब भावनाओं को , शब्दों में पिरोने का हुनर आता है ! तब एक आम आदमी , कवि बन जाता है ! अथाह दुःख में जब न बहते है अश्रु, और न लबों से कुछ बोल पाता है ! तब एक आम आदमी , कवि बन जाता है ! बेपनहा मोहब्बत में जब टूटता है दिल किसी का , और वो टूटे दिल के टुकड़े से भी प्यार जताता है ! तब एक आम आदमी, कवि बन जाता है ! सामाज में हो रहे अन्याय के विरुद्ध , जब कोई गुहार के बदले दहाड़ लगाता है ! तब एक आम आदमी, कवि बन जाता है ! पंकज जैन #poet#poetry#pain#love#socialissues#pen#ink