आँखों से ओझल हो गया टूटा हुआ कोई तारा था, हमने तो मन्नत मांगी थी साथ रहने की जिंदगी में बस वही एक सहारा था कभी अर्श पर कभी फर्श पर फांसले बढ़ते रहे दरमियाँ ख्वाइशों का ना रहा समा राँहो में साथ जिंदगी का सफर आगे मंजिल ओर किनारा था हमे गलतफहमी थी टूटे तारे से मन्नत पूरी होगी लेकिन वो खुद एक मुसाफिर बंजारा था।। #love #nojoto #hindi #poetry #devensharma #1liner #nojotohindi #shayri #इश्क़ #महोबत #जिंदगी