मेरे दुश्मन दोस्तों को याद नहीं रहता जितना मेरे दुश्मन मुझे याद रखते है जीने की फरियाद करने वाले दोस्त तुमसे ज्यादा वो मेरी मरने की फरियाद रखते है जिनको खुदा याद नहीं रहता मै उनकी यादों से होकर आता हूं हर ठिकाना मालूम है उनको मैं जहां जहां से होकर आता हूं सामने मुस्कुराते हुए चेहरे मालूम है सब झूठे हैं मैं फ़िर भी अपने घर से नहीं उनके घर से होके आता हूं दोस्तों को याद नहीं रहता जितना मेरे दुश्मन मुझे याद रखते है जीने की फरियाद करने वाले दोस्त तुमसे ज्यादा वो मेरी मरने की फरियाद रखते है मेरे दुश्मन