ना वो ख्वाब रहे इन आंखों में, ना राते उतनी गहरी है, हां वो दिन थे मेरे बचपन के, जिनकी यादें आज भी गहरी है! अब रोते हैं हम तकिए पे, ना मां की गोद में लोरी हैं, हां वो दिन थे मेरे बचपन के, जिनकी यादें आज भी गहरी हैं!! #यादें