चाहे कितनी भी नाराज़गी क्यों न हो, वो मेरी इज़्जत बरकरार रखता हैं। वो अपने लफ्ज़ों में नहीं, अपने लहज़े में प्यार रखता हैं।। -सुप्रिया #supriyaarya #gulzar #poetry #poem