"वक़्त" वक़्त-वक़्त पर यारो, वक़्त ही मार मारता है वक़्त जब मारता है, सख़्त ही मार मारता है वक़्त तो बादशाह है, वक़्त पर कोई ज़ोर नहीं वक़्त चाहे तो फिर, हरवक़्त ही मार मारता है।।