मुझे दिल लगाने की सजा मिली है,, मोहब्बत म खुद को मिटाने की सजा मिली है,, चलो भला चांद से चल के पुछत हैं, सूरत से दूर रहने की सजा क्यों मिली कोई शिकायत नहीं