रात भर मैं जगा , एक सुबह की दीदार को अपनी नींद बेच दिया इश्क़ के खरीददार को आसमां के सारे तारे सारी रात थे मेरे साथ सुबह होते ही उसने बिठा गया पहरेदार को । -Haseeb Anwer