उलझन उलझन में उलझे प्रीत के धागे सुलझाऊँ कैसे खामोश है इश्के हसरत जगाऊँ कैसे चाहत की तम्मना क्या करे अब हम रिश्तों का बाज़ार सजा है दिल लगाऊं कैसे । #उलझन#इश्क़#चाहत#रिश्ते #प्रीत#बाज़ार #nojotoapp#nojotohindi #nojotoshayri