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देवियों के नाम का आध्यात्मिक अर्थ:- असल मे देवीओ

देवियों के नाम का आध्यात्मिक अर्थ:-

असल मे देवीओ के नाम हमारे मन=जोत=प्रकाश की स्थिति पर हैं।। मन को जीव इस्त्री कहा है और परमात्मा को पति व कंत कहा है:- 

1. दुर्गा=नाम=प्रकाश=दुर्गुणों यानी हउमै रूपी विकार को काट कर मन को प्रकाश में ले जाने वाली।।

2. काली:- जिसमें नाम=प्रकाश को एकदृष्ट करने का ज्ञान तो है पर क्रोध पर विजय नहीं प्राप्त हुई इसलिए क्रोध में जीहभा बाहर है मुख से।।

3. सन्तोषी- जिसमे नाम धया कर संतोख उत्पन्न हो गया हो।।

4. पार्वती- जिस जीव मन को परमेश्वर अपना माध्यम यानी सन्त बनाये जिसका मन प्रकाश कर दे ओर वह परमेश्वर ओर वह जीवमन एक हो कर एक दूसरे में समा गए हों।।

5. लक्ष्मी:- मन का लक्ष्य नाम रूपी धन=प्रकाश=परमेश्वर जिस मन ने पा लिया हो।।

6. सरस्वती:- जिसने ज्ञान का सुरमा अपने नेत्रों में गुरमुखों द्वारा डलवा लिया हो।।

7. नैना देवी- जिसके नेत्रों ने एकदृष्ट करने की कला को यानी नाम=प्रकाश=परमात्मा को ध्याना सीख लिया हो।।

8. कामख्या देवी- यानी माया रूपी गर्भ में सोया मन=जोत=प्रकाश खुद को शरीर समझता है पर गुरमुखों द्वारा ज्ञान की जाग नेत्रों में डालने पर मन का सूक्ष्म प्रकाश की दुनिया मे जन्म लेना।।

9. वैष्णो देवी- जो मन त्रै-गुण माया यानी रजो-तमो-स्तो से मुक्त हुआ और जो विष्णु जी की सर्वोच्च माया सतोगुण से भी मुक्त हुए मन जो प्रकाश में समा गया को वैष्णो देवी की संघ्या दी गयी है।।

©Biikrmjet Sing #नव_देवी_आध्यात्मिक_अर्थ
देवियों के नाम का आध्यात्मिक अर्थ:-

असल मे देवीओ के नाम हमारे मन=जोत=प्रकाश की स्थिति पर हैं।। मन को जीव इस्त्री कहा है और परमात्मा को पति व कंत कहा है:- 

1. दुर्गा=नाम=प्रकाश=दुर्गुणों यानी हउमै रूपी विकार को काट कर मन को प्रकाश में ले जाने वाली।।

2. काली:- जिसमें नाम=प्रकाश को एकदृष्ट करने का ज्ञान तो है पर क्रोध पर विजय नहीं प्राप्त हुई इसलिए क्रोध में जीहभा बाहर है मुख से।।

3. सन्तोषी- जिसमे नाम धया कर संतोख उत्पन्न हो गया हो।।

4. पार्वती- जिस जीव मन को परमेश्वर अपना माध्यम यानी सन्त बनाये जिसका मन प्रकाश कर दे ओर वह परमेश्वर ओर वह जीवमन एक हो कर एक दूसरे में समा गए हों।।

5. लक्ष्मी:- मन का लक्ष्य नाम रूपी धन=प्रकाश=परमेश्वर जिस मन ने पा लिया हो।।

6. सरस्वती:- जिसने ज्ञान का सुरमा अपने नेत्रों में गुरमुखों द्वारा डलवा लिया हो।।

7. नैना देवी- जिसके नेत्रों ने एकदृष्ट करने की कला को यानी नाम=प्रकाश=परमात्मा को ध्याना सीख लिया हो।।

8. कामख्या देवी- यानी माया रूपी गर्भ में सोया मन=जोत=प्रकाश खुद को शरीर समझता है पर गुरमुखों द्वारा ज्ञान की जाग नेत्रों में डालने पर मन का सूक्ष्म प्रकाश की दुनिया मे जन्म लेना।।

9. वैष्णो देवी- जो मन त्रै-गुण माया यानी रजो-तमो-स्तो से मुक्त हुआ और जो विष्णु जी की सर्वोच्च माया सतोगुण से भी मुक्त हुए मन जो प्रकाश में समा गया को वैष्णो देवी की संघ्या दी गयी है।।

©Biikrmjet Sing #नव_देवी_आध्यात्मिक_अर्थ