वो तो मुसाफिर हैं ठहरते ही नहीं। बनाने की बहुत कोशिश की पर वो मानते ही नहीं। इतने मशरूफ है वो बुलंदियों को छूने के लिए। हम बुलाते रहते हैं पर वो सुनते ही नहीं। बुलंदियों का बड़े से बड़ा मकाम छूओ। पर जो तुम्हारा ख्याल करता है उसकी भी परवाह करो। खुदा ना करे कि कोई बाधा आए तुम्हारे जीवन में। मंजिल की तरफ यूँ ही बढ़ते रहो। #power_of_words