nojoto#nojotowriters#mywords#Poetry
आज फिर मै उड़ना चाहती हूं
अपने सपनों को उड़ान देना चाहती हूं
निडर अपने फैसले लेना चाहती हूं
कब तलक रखू बंद इन्हें तिजोरी में
अब यह भी फडफड़ा रहे तिजोरी में
बाहर आ अपने पंख फैलाना चाहती हूं
आज फिर मै उड़ना चाहती हूं #2YearsOfNojoto