वो नहीं मेरा मगर उससे मुहब्बत है तो है, ये अगर रस्मों, रिवाज़ों से बग़ावत है तो है, सच को मैंने सच कहा, जब कह दिया तो कह दिया अब ज़माने की नज़र में ये हिमाकत है तो है...