आंखो के दरमियान हम इतने मुसगुल थे, रात बीती तो लगा सपने फिजूल थे। कारवा जब इश्क़ का निकला सहर से, देखा तो शामिल सब मेरे रकीब थे। जो ओहदा बदला मेरे सपनो ने, घबराए वो भी जो मेरे करीब थे। जीत के जशन में मशगूल वो क्या जाने, हम हरने वालो में सबसे अमीर थे। मिजाज बदला जब मौसम का, मेरे हिज्र पे हसने वाले मेरे अजीज़ थे। मेरे सियासत ए इश्क़ में शिरकत करने वाले, आज जुमले कहते है कि हम ही फिजूल थे। #love #mylovestory #hindishayari #hindilovers #hindilovequotes