एक आग तुझमें भी है एक आग मुझमें भी फिर भी तुम दूर जा बैठी हो इतनी नाजुक सी हालात में इसका एहसास तुझे भी है एहसास मुझे भी तुम चाहो तो हालात बदल सकता है भौंरा फूल से पुनः मिल सकता है ज़रूरत दोनों को एक दूसरे की है समझती तुम भी हो इस बात को समझता में भी हूँ हालात को फिर शिकायत क्यों तुझे भी है शिकायत क्यों मुझे भी फिर दरकिनार क्यों कर बैठी हो अपनी जींदगी को खुद से जिसकी तकलुफ तुझे भी है तकलुफ मुझे भी खो ना दो मुझे शायद इसी लिए आंखे नम हैं तुम्हारी क्योंकि खोने का दर्द तुझे भी है मुझे भी है एक आग तुझमें भी है एक आग मुझमें भी "Nishu Tiwari" pyar kai jharokhe..... #ShiningInDark