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फकीर भूख को कूड़े से उठाता फुटपाथ पर ही कहीं सो जा

फकीर

भूख को कूड़े से उठाता
फुटपाथ पर ही कहीं सो जाता है वो
चिथड़ों से बदन सजाता
ना जाने कैसे-कैसे खुश रह पाता है वो

गली-गली बस घूमते जाता
हर चौखट पर हांथ फैलाते है वो
किसी से गालियां खाता
तो किसी से घुसे-लात भी पा जाता है वो

ना आज की फिक्र है,ना कल की चिंता
मजबूर है वो कितना बस ये हालातों से बताता है वो
खुद में मस्त रहता
फिर भी ना जाने कैसे आंसुओं को छिपाता है वो

पानी बरसात क्या है
धूप और गर्मी भी बर्दाश्त कर जाता है वो
ना जाने जाड़े की शर्दियों से
अपने बदन को कैसे बचाता है वो

लावारिश लाश सा पड़ा रहता है
किसी को भी नजर नहीं आता है वो
अपना दुखड़ा किसे सुनाता
बस अंदर ही अंदर घुटता जाता है वो

बहते अश्कों को कहाँ छिपाता
कभी मंदिर की सीढ़ियां चढ़ता,
तो कभी मस्जिद की चौखट चुम आता है वो
ना जाने कैसे दर-दर की ठोकरें सह जाता है वो

भूख को कूड़े से उठाता
फुटपाथ पर ही कहीं सो जाता है वो

Ⓜ️ #Fakeer #gareeb #fakiri #Fakira #garib #Garibi
फकीर

भूख को कूड़े से उठाता
फुटपाथ पर ही कहीं सो जाता है वो
चिथड़ों से बदन सजाता
ना जाने कैसे-कैसे खुश रह पाता है वो

गली-गली बस घूमते जाता
हर चौखट पर हांथ फैलाते है वो
किसी से गालियां खाता
तो किसी से घुसे-लात भी पा जाता है वो

ना आज की फिक्र है,ना कल की चिंता
मजबूर है वो कितना बस ये हालातों से बताता है वो
खुद में मस्त रहता
फिर भी ना जाने कैसे आंसुओं को छिपाता है वो

पानी बरसात क्या है
धूप और गर्मी भी बर्दाश्त कर जाता है वो
ना जाने जाड़े की शर्दियों से
अपने बदन को कैसे बचाता है वो

लावारिश लाश सा पड़ा रहता है
किसी को भी नजर नहीं आता है वो
अपना दुखड़ा किसे सुनाता
बस अंदर ही अंदर घुटता जाता है वो

बहते अश्कों को कहाँ छिपाता
कभी मंदिर की सीढ़ियां चढ़ता,
तो कभी मस्जिद की चौखट चुम आता है वो
ना जाने कैसे दर-दर की ठोकरें सह जाता है वो

भूख को कूड़े से उठाता
फुटपाथ पर ही कहीं सो जाता है वो

Ⓜ️ #Fakeer #gareeb #fakiri #Fakira #garib #Garibi