चलो आज अपना हुनर आज़माते हैं, चलो आज अपना हुनर आजमाते हैं भुलाकर सारी रंज़िशें दुश्मन को भी गले लगाते हैं सजा रखा है जो नफ़रतों का बाज़ार उसमें मोहब्बत का दिया जलाते हैं न जाने कब ज़िन्दगी की डोर टूट जाये रूठ गये हैं जो हमसे उन्हे मनाते हैं कौन नही करता गुनाह इस ज़माने में चलो एक बार गुनाहगार को भी माफ़ कर आते हैं #hunar #हुनर #विचार #कविता #शायरी #हिंदी #nojoto #writersofnojoto #nojotohindi #quote #lifequote #hindiwriters #writerscommunity #writersnetwork #thinker #reader #thought #poetry #hindipoetry #hindiurdu