Nojoto: Largest Storytelling Platform

21वीं सदी का गुमनाम आशिक देखता हूं छुप-छुपकर हर

21वीं सदी का गुमनाम आशिक


 देखता हूं छुप-छुपकर हर वक्त तेरे स्टेटस को, 
 सोचता हूं तू ऑनलाइन आई  तो नहीं|
 जी करता है भेज दूँ कुछ मैसेज, 
 लेकिन डरता हूं कहीं पढ़ ले तेरा भाई तो नहीं|
 जब-जब तुम लगाते हो स्टेटस पर अपना पिक, 
 सोचता हूं, खुदा ने किसी और को ऐसा बनाया तो नहीं|
 जब कभी फोन करने को जी करता है, 
 तब डर लगा रहता है कहीं हो जाए पिटाई तो नहीं|
 आती है यूं हिचकियां जब, 
 झट ऑनलाइन आता हूं, सोचता हूं तू ऑनलाइन बुलाई तो नहीं|
 ऑनलाइन रहकर भी जब रिप्लाई नहीं देते हो, 
 तब सोचता हूं, कहीं हो गई तू पराई तो नहीं|
 देखता हूं छुप-छुपकर हर वक्त तेरे स्टेटस को, 
 सोचता हूं तू  ऑनलाइन आई  तो नहीं| #lovepoem #21वी_सदी_का_गुमनाम_आशिक #hindi #hindipoem #हिंदी_कविता
21वीं सदी का गुमनाम आशिक


 देखता हूं छुप-छुपकर हर वक्त तेरे स्टेटस को, 
 सोचता हूं तू ऑनलाइन आई  तो नहीं|
 जी करता है भेज दूँ कुछ मैसेज, 
 लेकिन डरता हूं कहीं पढ़ ले तेरा भाई तो नहीं|
 जब-जब तुम लगाते हो स्टेटस पर अपना पिक, 
 सोचता हूं, खुदा ने किसी और को ऐसा बनाया तो नहीं|
 जब कभी फोन करने को जी करता है, 
 तब डर लगा रहता है कहीं हो जाए पिटाई तो नहीं|
 आती है यूं हिचकियां जब, 
 झट ऑनलाइन आता हूं, सोचता हूं तू ऑनलाइन बुलाई तो नहीं|
 ऑनलाइन रहकर भी जब रिप्लाई नहीं देते हो, 
 तब सोचता हूं, कहीं हो गई तू पराई तो नहीं|
 देखता हूं छुप-छुपकर हर वक्त तेरे स्टेटस को, 
 सोचता हूं तू  ऑनलाइन आई  तो नहीं| #lovepoem #21वी_सदी_का_गुमनाम_आशिक #hindi #hindipoem #हिंदी_कविता