रहस्यो का रहस्य हूँ मैं तुम ना सुलझा पाओगे जो ज़ुर्रत की सुलझाने की तो खुद भी उलझ जाओगे अय्यारिया पलती है मेरी पनाह में मेरी शख्सियत को तुम क्या समझ पाओगे... #दास्तान_ए_शख़्स..