रंग और रूप जो भी डूबा इश्क़ के रंग में, फिर रंग रूप का होश न आया। गम,जुदाई,दर्द,तन्हाई या फिर तोहमतें मिलेंगी, डूबने से पहले इसे कोई सोच न पाया। जो भी डूबा #इश्क़ के #रंग में, फिर रंग #रूप का #होश न आया। #गम,#जुदाई,#दर्द,#तन्हाई या फिर #तोहमतें मिलेंगी, डूबने से पहले इसे कोई #सोच न पाया। #Uशुभ