मैं टूट चुका हूँ अंदर से, जीने की नही है अब चाह मुझे। चारो ओर अंधेरा है, दिखता नही है अब कोई राह मुझे। तू आके मुझे संभाल ले आखरी बार है मेरा ये इतेलाह तुझे, इसके बाद शायद नसीब न हो मेरे चेहरे का फिर दीदार तुझे। #Didar