एक दूसरे से नाराज क्यों हैं सब चेहरे लटके हैं उदास क्यों हैं सब कोई किसी से कुछ बोलता क्यों नही इस बस्ती में इतने खामोश क्यों हैं सब खमोश क्यों हैं/शायरी