मौसम की तरह तुम मेरी ज़िन्दगी का मजाक बनाके बड़े खुश लग रहे हो तुम, ना जाने क्यों मेरी उदासी पे यूँ हंस रहे हो तुम ! शिकवाओ का तो मेला लगता है मेरे दिल के हर इक कोने में, गिला करे भी तो किससे इस मेले के पहरेदार ही ठहरे तुम ! जरा इत्मीनान से बताना ये खेल खेला क्यों तुमने, हर जज़्बात से मेरे खेल के भी शर्मिंदा न दिख रहे तुम ! तेरी यादों की बौछार आज भी मेरी आँखों को भिगोती है, पर बदल जाएगा ये मौसम भी जैसे बदल गए हो तुम ! हर कश लिया है तुमने सिगरेट से बेवफाई तक, पर जिंदगी तो मेरी हुई धुआँ और फिर भी कश ले रहे हो तुम ! ~•shubhi•~© #mausam फिर भी कश ले रहे हो तुम..... #poetry #nojoto #nojotoapp #nojotoshayri #poem Dhawal Soni Dilwala©