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उसे ना सोचू हर लम्हा दिल को अक्षर समझाता हूं, पर द

उसे ना सोचू हर लम्हा दिल को अक्षर समझाता हूं, पर दिल क्यों नहीं मानता।
उसे देखने की तलब हर पहर ना रखे दिल से बहुत बतलाता हूं, पर दिल क्यों नहीं मानता।
जब मेरी बात ना माने ओर उसकी ही बाते हर किसी से सरेआम करता है,तो बदनामी के डर से  डाट भी लगाता हु, पर दिल क्यों नहीं मानता।
उसे ख्वाबों ख्यालों में ना आने दे इसके लिए दिल को धड़कन की कस्मे भी देता हूं,पर दिल क्यों नहीं मानता। 
-Ankit Sharma #mojoto @mojoto #विचार #शायरी #कला #कविता #
उसे ना सोचू हर लम्हा दिल को अक्षर समझाता हूं, पर दिल क्यों नहीं मानता।
उसे देखने की तलब हर पहर ना रखे दिल से बहुत बतलाता हूं, पर दिल क्यों नहीं मानता।
जब मेरी बात ना माने ओर उसकी ही बाते हर किसी से सरेआम करता है,तो बदनामी के डर से  डाट भी लगाता हु, पर दिल क्यों नहीं मानता।
उसे ख्वाबों ख्यालों में ना आने दे इसके लिए दिल को धड़कन की कस्मे भी देता हूं,पर दिल क्यों नहीं मानता। 
-Ankit Sharma #mojoto @mojoto #विचार #शायरी #कला #कविता #