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प्रेम परिपूर्ण हर किसी का होता नहीं, उदाहरण हैं क

प्रेम परिपूर्ण हर किसी का होता नहीं, 
उदाहरण हैं कहानी  कृष्ण और राधा की, 
एक बाँसुरी के पीछे राधा थी दीवानी
संसार बचाने को अपना संसार, 
दांव पर लगा बैठी रुकमनी, 
पूछता हूँ प्रश्न आज जमाने से यही, 
कि अगर सिया के राम हो सकते हैं, 
तो रुकमनी के कृष्ण क्यूँ नहीं, 
प्रेम तो रुकमनी को भी कृष्ण से था, 
फिर क्यों ना मिला उन्हें, 
 कृष्ण की अर्धांगनी का दर्जा, 
कृष्ण से जुदा हो, 
उन्हें क्यूँ चुकाना पड़ा ,
मुठ्ठी  भर चावल का कर्जा, 
... #जलज प्रेम परिपूर्ण हर किसी का होता नहीं, 
उदाहरण हैं कहानी  कृष्ण और राधा की, 
एक बाँसुरी के पीछे राधा थी दीवानी
संसार बचाने को अपना संसार दांव पर लगा बैठी रुकमनी, 
पूछता हूँ प्रश्न आज जमाने से यही, 
कि अगर सिया के राम हो सकते हैं, 
तो रुकमनी के कृष्ण क्यूँ नहीं, 
प्रेम तो रुकमनी को भी कृष्ण से था,
प्रेम परिपूर्ण हर किसी का होता नहीं, 
उदाहरण हैं कहानी  कृष्ण और राधा की, 
एक बाँसुरी के पीछे राधा थी दीवानी
संसार बचाने को अपना संसार, 
दांव पर लगा बैठी रुकमनी, 
पूछता हूँ प्रश्न आज जमाने से यही, 
कि अगर सिया के राम हो सकते हैं, 
तो रुकमनी के कृष्ण क्यूँ नहीं, 
प्रेम तो रुकमनी को भी कृष्ण से था, 
फिर क्यों ना मिला उन्हें, 
 कृष्ण की अर्धांगनी का दर्जा, 
कृष्ण से जुदा हो, 
उन्हें क्यूँ चुकाना पड़ा ,
मुठ्ठी  भर चावल का कर्जा, 
... #जलज प्रेम परिपूर्ण हर किसी का होता नहीं, 
उदाहरण हैं कहानी  कृष्ण और राधा की, 
एक बाँसुरी के पीछे राधा थी दीवानी
संसार बचाने को अपना संसार दांव पर लगा बैठी रुकमनी, 
पूछता हूँ प्रश्न आज जमाने से यही, 
कि अगर सिया के राम हो सकते हैं, 
तो रुकमनी के कृष्ण क्यूँ नहीं, 
प्रेम तो रुकमनी को भी कृष्ण से था,

प्रेम परिपूर्ण हर किसी का होता नहीं, उदाहरण हैं कहानी कृष्ण और राधा की, एक बाँसुरी के पीछे राधा थी दीवानी संसार बचाने को अपना संसार दांव पर लगा बैठी रुकमनी, पूछता हूँ प्रश्न आज जमाने से यही, कि अगर सिया के राम हो सकते हैं, तो रुकमनी के कृष्ण क्यूँ नहीं, प्रेम तो रुकमनी को भी कृष्ण से था, #जलज