आँखे मुन्दू तो तेरा,चेहरा नजर आता है आँखे खोलते ही ख्वाब,ओझल हो जाता है मेरे जहन से लिपटे हुए,तुम अहसासे इश्क़ हो फिर क्यो पूछते हो शिखर, क्या तुमसे नाता है