भोजपुरी:- सुख दुख रतिया दिनवा सहली
मुख से कबहुं कुछ ना कहली
उनकर आचरा से बढ़के रजाई ना होई
केहु कतनो दुलारी लेकिन "माई" ना होई 🙏
अर्थ:-मेरे लिये तुमने न जाने कितने दुःख सहें, बिना किसी रंज के तुमने प्रेमवश मुझे सींचा!
आज जब तुम मेरे पास नहीं हो,तब जीवन में अर्जित यह तमाम सुख सुविधाएं भी मुझे वह सुकून भरी नींद नहीं दे पातीं, जो तुम्हारी उस झीनी आँचल में छिपकर मैं स्वतः हीं पा जाया करता था #Arsh#bhojpuri#bihar#Love#Mother#SAD#Happy