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चकाचौध से रुख मोड़, चल दिया हूँ तिमिर की ओर। भाता न

चकाचौध से रुख मोड़,
चल दिया हूँ तिमिर की ओर।
भाता नही सागर का अनुप्रवाह,
रुख किया हूँ जिधर है प्रतिप्रवाह।

अब तो फबने लगा है एकांतवास,
जैसे राम को भाया था वनवास।
माना नरम हुई है ज़िन्दगी की तासीर,
पर बदला नही हूँ अमिट ताबीर।

पथ है अमरकंटक की पहाड़ी जैसा,
बीच राह मे हौसला से समझौता कैसा।
रण में निकला हूँ लेकर कटारी-भला,
भलीभाँति याद है किस-किस ने है छला।

जरा वक़्त को आने दो हमारे पाले में,
लूँगा हिसाब सबका समाज के उजाले में।
अभी पल रहा है मेरा नादान सा मुकद्दर,
दरिया पार कर बनेगा भविष्य का सिकंदर।

        @आशुतोष यादव #अंधकार_के_बिना_सबेरा_अर्थहीन_है  #चकाचौंध  #हौसला_बुलंद #पथरीले_रास्ते

#InspireThroughWriting   अंकित सारस्वत  Shipra Verma himanshi Singh 🌹Adhoori Khwahish🌹 MR.KUMAR
चकाचौध से रुख मोड़,
चल दिया हूँ तिमिर की ओर।
भाता नही सागर का अनुप्रवाह,
रुख किया हूँ जिधर है प्रतिप्रवाह।

अब तो फबने लगा है एकांतवास,
जैसे राम को भाया था वनवास।
माना नरम हुई है ज़िन्दगी की तासीर,
पर बदला नही हूँ अमिट ताबीर।

पथ है अमरकंटक की पहाड़ी जैसा,
बीच राह मे हौसला से समझौता कैसा।
रण में निकला हूँ लेकर कटारी-भला,
भलीभाँति याद है किस-किस ने है छला।

जरा वक़्त को आने दो हमारे पाले में,
लूँगा हिसाब सबका समाज के उजाले में।
अभी पल रहा है मेरा नादान सा मुकद्दर,
दरिया पार कर बनेगा भविष्य का सिकंदर।

        @आशुतोष यादव #अंधकार_के_बिना_सबेरा_अर्थहीन_है  #चकाचौंध  #हौसला_बुलंद #पथरीले_रास्ते

#InspireThroughWriting   अंकित सारस्वत  Shipra Verma himanshi Singh 🌹Adhoori Khwahish🌹 MR.KUMAR