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इक रोज़ मिल गए थे सर-ए-रह-गुज़र कहीं फिर दिल ने बै

इक रोज़ मिल गए थे सर-ए-रह-गुज़र कहीं
फिर दिल ने बैठने न दिया उम्र भर कहीं #nojoto
इक रोज़ मिल गए थे सर-ए-रह-गुज़र कहीं
फिर दिल ने बैठने न दिया उम्र भर कहीं #nojoto