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अज़ीब दस्तूर हैं ज़माने का कहीं बदन को ढकने के लिए

अज़ीब दस्तूर हैं ज़माने का 
कहीं बदन को ढकने के लिए कपङे नहीं 
तो कहीं ज़िस्म को सज़ाने के लिए हर दिन नये कपङे की जरूरत
पङती हैं #Azeeb hai
अज़ीब दस्तूर हैं ज़माने का 
कहीं बदन को ढकने के लिए कपङे नहीं 
तो कहीं ज़िस्म को सज़ाने के लिए हर दिन नये कपङे की जरूरत
पङती हैं #Azeeb hai