भटकी हुई राही मैं साहिल सा तू मिल गया। पूरी अधूरी थी मैं क़ामिल मुझे कर गया। तेरी ही बाहों में तेरी पनाहों में मेरी बीते सारी उमर। रात सहर अब तेरे बिना मैं रो-रो आहें भरती हूँ। बिन सोचे भी पल-पल बस मैं याद तुझे ही करती हूँ। वादा है मेरा सनम होंगे जुदा ना हम। है मुझे तेरी कसम तू ही मेरा हर करम। #love #nazm #NojotoHindi