बेफिक्र मिसाले दे देकर ये मुझे रोकते रहते हैं ये शेर बड़े ही झूठे हैं। हिज्र का आलम कल का है अल्फा़ज़ अभी से रूठे है। बेवफा समझ कर मुझे कलम ने संग मे चलना छोड़ दिया स्याही ने भी अब मेरे लफ्ज़ो मे ढलना छोड़ दिया। कैसे नही समझे ये की ये सफ़र भी तो अफ़साना है हर लम्हे को बेबाकी से बस मुझको लिखते जाना है बस मुझको लिखते जाना है...... #shortlyhuge#nojotopost #nojotohindi#kavishala