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निगाये उठे तो सुबह हो झुके तो शाम हो जाए अगर तू म

निगाये उठे तो सुबह हो झुके तो शाम हो जाए

अगर तू मुस्कराभर दे तो कत्लेआम हो जाए

जरूरत ही नहीं तुझको मेरी बाहों मे आने की 

अगर ख्वाबो मे आ जावो तो अपना काम हो जाए


VK BRAND

©Vishnu Kumar Koli #kavi 
#COVIDVaccine
निगाये उठे तो सुबह हो झुके तो शाम हो जाए

अगर तू मुस्कराभर दे तो कत्लेआम हो जाए

जरूरत ही नहीं तुझको मेरी बाहों मे आने की 

अगर ख्वाबो मे आ जावो तो अपना काम हो जाए


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©Vishnu Kumar Koli #kavi 
#COVIDVaccine