तारो से रोशन हो तो जाता है फलक फिर जुगनुओ का टिमटिमाना ठीक नही, ज़ुल्फो को कंगी से जब संवार ही लिया था फिर यार के हाथों बिखर जाना ठीक नही, कदम उठा ही लिया था जब चलने को फिर बीच रास्ते से पीछे मुड़ जाना ठीक नही, इश्क़ है तो उसे निभाना सीखो सनम यूँ किसी की सुंदरता देख डगमगाना ठीक नही, आँखो में नमी रख लेना इतनी क्या नाराज़गी दुश्मन का जनाज़ा देख यूँ मुस्कराना ठीक नही, महोब्बत के चिराग बुझ गए फिर अंधेरो के शहर में सुखी सी दीवाली मनाना ठीक नही, Neetu_$harmA❤POete$$✒