क्यों लगाई है भीड़ इस मेहमान ने,,लगता है बहुत मिठास है इसकी जुबान में. ओ मुसाफ़िर तू निकल जा,,क्यों उम्मीद जगाई है तूने इस ज़िंदा कब्रिस्तान में. मोहब्बत नही अब मेरे बस की बात,,आँधी खत्म होगई एक तूफान में. जल जल के जल गई आग,,कंकर मिल गए अब इस जान में. दर्द अपनों ने दिया नफरत गैरों से थी,,सर कट गया मैदान में. दिल मेरा बहुत बेबस हो गया तकलीफ सह सह कर,,कोई न हमसफ़र मिला मुझे इस जहान में. दुखों का मकबरा बनाता रहा हर इंसान मूझपे मोहब्बत के नाम पर,,आज एक रोती आवाज़ सुनाई दे रही इस जिस्म के शमशान में. धुआं भी ढूंढ रहा मजहब अपना,,इंसान भूल गया ईबादत,नफरत फैल गई अब मेरे हिंदुस्तान में. नाम न पूछ मेरा फिर भी कहते है सब अमन मुझे,शायरों की दुकान में। #happy_chocolate_day #Nojotonews #nojotohindi #nojotopunjabi#poetry#quotes kaur B 😊😊 varsha ✍️