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यादों की पोटली खोलने जो बैठी नादान मासूम नटखट भोले

यादों की पोटली खोलने जो बैठी
नादान मासूम नटखट भोले 
बचपन की खनकती हँसी के सिवा
सारी की सारी भीगी ही निकली

थोड़ा सा सूरज निकला था
तुझसे पहली मोहब्बत के अहसास में सूखी थी
फिर न जाने क्यूँ बिन मौसम ही 
तेरे विरह की बदलियाँ भिगोती रहती हैं

अब तो दर्द की ऐसी सीलन है
जो गहरे बहुत गहरे धीमे धीमे
भीतर तक समाती जा रही है
देख ये पोटली तेरा इंतज़ार कर रही है

भोर में ओस की ताज़गी सा इसमें
अपनी छुअन का अहसास डाल दे
स्वर्णिम आभा सा तेरे मिलन से
इसके गीलेपन को तेरी बाँहो की
गर्माहट से सदा के लिए विदा दे दो

मैं इंतज़ार करूँगी सँभाल कर रखूँगी
तेरे आने तक.. आओगे न!!! यादों की पोटली खोलने जो बैठी
नादान मासूम नटखट भोले 
बचपन की खनकती हँसी के सिवा
सारी की सारी भीगी ही निकली

थोड़ा सा सूरज निकला था
तुझसे पहली मोहब्बत के अहसास में सूखी थी
फिर न जाने क्यूँ बिन मौसम ही
यादों की पोटली खोलने जो बैठी
नादान मासूम नटखट भोले 
बचपन की खनकती हँसी के सिवा
सारी की सारी भीगी ही निकली

थोड़ा सा सूरज निकला था
तुझसे पहली मोहब्बत के अहसास में सूखी थी
फिर न जाने क्यूँ बिन मौसम ही 
तेरे विरह की बदलियाँ भिगोती रहती हैं

अब तो दर्द की ऐसी सीलन है
जो गहरे बहुत गहरे धीमे धीमे
भीतर तक समाती जा रही है
देख ये पोटली तेरा इंतज़ार कर रही है

भोर में ओस की ताज़गी सा इसमें
अपनी छुअन का अहसास डाल दे
स्वर्णिम आभा सा तेरे मिलन से
इसके गीलेपन को तेरी बाँहो की
गर्माहट से सदा के लिए विदा दे दो

मैं इंतज़ार करूँगी सँभाल कर रखूँगी
तेरे आने तक.. आओगे न!!! यादों की पोटली खोलने जो बैठी
नादान मासूम नटखट भोले 
बचपन की खनकती हँसी के सिवा
सारी की सारी भीगी ही निकली

थोड़ा सा सूरज निकला था
तुझसे पहली मोहब्बत के अहसास में सूखी थी
फिर न जाने क्यूँ बिन मौसम ही
kusumsharma0267

Kusum Sharma

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यादों की पोटली खोलने जो बैठी नादान मासूम नटखट भोले बचपन की खनकती हँसी के सिवा सारी की सारी भीगी ही निकली थोड़ा सा सूरज निकला था तुझसे पहली मोहब्बत के अहसास में सूखी थी फिर न जाने क्यूँ बिन मौसम ही #Poetry #story #writers #hindiwriters #कविता #nojotohindi #hindipoetry #यादें #writersofnojoto #urduwriters