चलने की आरजू में जी रहा हूं अब तो बनाया है खोटा सिक्का मेरे हमदर्दों ने मुझको क्या सितम हुआ है मुझसे यह भी ना पूछो मिलता नहीं है इससे गम जमाने में अब तो शुभम...