माँ क्या खबर है तुझको कि जूतों के फीते अब मैं बखूबी बाँध लेती हूँ, अब मेरी अँगुलियाँ भी मेरी ज़ुल्फ़ों को सुलझाना सीख गयी हैं, अब उलझते तो अब बस रिश्ते हैं , जो वक़्त के साथ बदलना भी जानते हैं और जो जरूरत के पलों में हाथ छोड़ना भी। #nojoto #kalakaksh #quote #motherslove